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द गर्ल इन रूम 105

मैं क्लासरूम में अकेला बैठा टेस्ट पेपर्स चेक कर रहा था। सौरभ आया और दरवाज़ा लगा लिया।


"क्या हुआ?" मैंने कहा "चंदन ने मुझे वार्निंग दी है. सौरभ ने कहा।

"वार्निंग" मैंने कहा।

"मैं कोई नए स्टूडेंट्स नहीं ला पाया हूं। उसने कहा है कि अगर अगले महीने तक भी मैं नए स्टूडेंट्स नहीं ला पाया तो वो मुझे नौकरी से निकाल देगा। ' 'लाया तो मैं भी नहीं हूं। इन फैक्ट, मैंने तो एक स्टूडेंट को यहां से चले जाने के लिए कन्विंस किया है।' "तुमने ऐसा किया?"

"हो, वह फैशन की पढ़ाई करना चाहता था। वैसा स्टूडेंट कैसे जेईई क्लीयर कर सकता था? "भाई, चंदन तुम्हारी जान ले लेगा।' 'डोंट वरी उस स्टूडेंट ने पहले ही अपनी सालभर की फीस जमा कर दी थी, जो कि नॉन-रिफंडेबल है। ना

चंदन के पैसों का नुकसान होगा, ना उस स्टूडेंट के कैरियर का एक साल बिगड़ेगा।" चंदन क्लास का पीअन बिस्वास चाय के कप से भरी ट्रे लेकर क्लासरूम में आया। हमने एक-एक कप

चाय उठा ली।

'बिस्वास, थोड़े बिस्किट्स भी ला दो।"

"चंदन सर ने कहा है कि आज से बिस्किट बंद, बिस्वास ने कहा । "क्या? लेकिन क्यों?" मैंने कहा।

"खचों में कटौती या ऐसा ही कुछ क्या मालूम वो क्या बोल रहा था, बिस्वास ने कहा और बाहर चला गया।

हम चुपचाप अपनी चाय पीते रहे और सोचते रहे कि हमारा यहां पर और कितने दिनों का बसेरा है। मैं

फिर से आंसर शीट्स जाचने लगा। सौरभ कुछ मिनटों के बाद बोला।

"भाई, मैं कभी भी इंजीनियर नहीं बनना चाहता था। मेरे पैरेंट्स चाहते थे, इसलिए मैं इंजीनियर बना। अब जिस काम में मेरा दिल नहीं था, उसे कर रहा हूं तो यही तो होगा।"

मैंने आंसर शीट से नज़र उठाए बिना मुंह बना दिया। "क्या मैं कुछ कह सकता हूँ? सुनकर ज्यादा एक्साइट मत हो जाना, सौरभ ने कहा। *PIT?

*मैं केस को मिस करता हूँ।' "जारा के केस को?"

'हाँ, उस पर तुम्हारा साथ देते समय मुझे लगा जैसे कि मैं जिंदा है, जैसे कि हम कुछ ऐसा कर रहे हैं.. जिसका कोई मतलब हो, कोई मायने हो।'

'रियली?"

"जैसे कि जब हमने लक्ष्मण के फ़ोन को हैक किया था। या जब हमने यह पता लगाया था कि सक्सेना

लंगड़ाकर चलता है।"

"हां, वो सब तुम्हीं ने किया था। यहीं कारण है कि मैंने वह केस छोड़ दिया। क्योंकि तुम्हारे बिना नहीं कर सकता था।"

मैं फिर से अपनी आंसर शीट्स जांचने लगा।

'बो तो उस जिहादी ने गन निकाल ली, नहीं तो मैं तुम्हें इस केस पर काम करने से नहीं रोकता।' "हां, जानता हूँ।'

सौरभ ने सिर हिलाया और चुप हो गया। मैं पिछले कुछ टेस्ट पेपर्स चेक करने लगा।

"तुम तेहरीक-ए-जिहाद को ट्विटर पर क्यों सर्च कर रहे थे?"

'हूँ? मैंने आंसर शीट से नज़र उठाकर कहा। तुम इस सबके बारे में क्यों बात कर रहे हो, गोलू

"मैं बस क्यूरियस हूं। ट्विटर क्यों?"

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